Thursday, January 3, 2013

श्रधांजलि

तकनीक के आगे गए है हम हार,
भावनाओं ने पहन लिए है श्रधांजलि वाले हार। 

आँखें जहाँ दिल-ए-हाल करती थी बयान,
अब थिरकती है सुन केवल बीबीएम की तान,
स्माईलिस और आइकन्स में हो गयी है गुम,
मुस्कान और हंसी की वो मधुर खिलखिलाती धुन।

तकनीक के आगे गए है हम हार,
भावनाओं ने पहन लिए है श्रधांजलि वाले हार। 

कौन कहाँ है, कहाँ गया या क्या है उसका हाल,
अब एफबी के स्टेटस से पता चलता है हर बार,
कमेंट्स और लाइक्स की इसमें इतनी है भरमार,
कि अब तो दर लगता है कुछ भी करते हुए इज़हार।

तकनीक के आगे गए है हम हार,
भावनाओं ने पहन लिए है श्रधांजलि वाले हार। 

प्रत्यक्ष रहकर प्रतिक्रिया देना हुआ है अब ओल्ड,
ट्वीटर के ट्वीट की आवाज है अब इतनी बोल्ड,
यहाँ चंद शब्द ही बरपाते है गज़ब का कहर,
तो फिर कोई क्यूँ उड़ेले भावनात्मक शब्दों की लहर।

तकनीक के आगे गए है हम हार,
भावनाओं ने पहन लिए है श्रधांजलि वाले हार। 

कभी हाथ थाम एक-दुसरे को हम देते थे सहारा,
अब नेटवर्किंग साइट्स व मोबाइल एप्स पर बहुत कुछ शेयर करते है यारा,
मासूमियत से अश्लीलता तक सब कुछ है यहाँ,
हमारें शरीर तो है पर हमारी आत्मा है कहाँ।

तकनीक के आगे क्यूँ  गए है हम हार,
क्यूँ भावनाओं ने पहन लिए है श्रधांजलि वाले हार।  

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